हमने आपके लिए कई कविताएं लिखी हैं, जो हमें प्रेरणा देंगी, यह कविता भी अवसरवादी है, आप लोगों के लिए उत्साहवर्धक है, इन सभी कविताओं में आपको अच्छी शिक्षा मिलेगी और, New Year Poem in Hindi ये सभी कविताएं हमने मनोरंजन के लिए लिखी हैं।
Contents
New Year Poem
नए साल की शुभकामनाएँ!
खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को
कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को
नए साल की शुभकामनाएं!
जाँते के गीतों को बैलों की चाल को
करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को
नए साल की शुभकामनाएँ!
इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को
चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को
नए साल की शुभकामनाएँ!
वीराने जंगल को तारों को रात को
ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को
नए साल की शुभकामनाएँ!
इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को
सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को
नए साल की शुभकामनाएँ!
कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को
हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को
नए साल की शुभकामनाएँ!
उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे
उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे
नए साल की शुभकामनाएँ!
….सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
(वृद्धों को)
रह स्वस्थ आप सौ शरदों को जीते जाएँ,
आशीष और उत्साह आपसे हम पाएँ।
(प्रौढ़ों को)
यह निर्मल जल की, कमल, किरन की रुत है।
जो भोग सके, इसमें आनन्द बहुत है।
(युवकों को)
यह शीत, प्रीति का वक्त, मुबारक तुमको,
हो गर्म नसों में रक्त मुबारक तुमको।
(नवयुवकों को)
तुमने जीवन के जो सुख स्वप्न बनाए,
इस वरद शरद में वे सब सच हो जाएँ।
(बालकों को)
यह स्वस्थ शरद ऋतु है, आनंद मनाओ।
है उम्र तुम्हारी, खेलो, कूदो, खाओ।
….हरिवंशराय बच्चन
आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में
बस हँसे, मुस्कुराएँ नए साल में
गीत गाते रहें, गुनगुनाते रहें
हैं ये शुभ-कामनाएं नए साल में
रेत, मिटटी के घर में बहुत रह लिए
घर दिलों में बनायें नए साल में
अब न बातें दिलों की दिलों में रहें
कुछ सुने, कुछ सुनाएँ नए साल में
जान देते हैं जो देश के वास्ते
गीत उनके ही गायें नए साल में
भूल हमको गए हैं जो पिछले बरस
हम उन्हें याद आयें नए साल में
….कुमार अनिल
अलविदा कह दो इस साल को
अब नया साल आने वाला है
समझो मेरे दिल के हाल को
अब नया साल आने वाला है
जो कहानी हमारी इस साल रही अधूरी
नए साल में क्यों न करें उसको पूरी
बातें करें खुल के हम प्यार भरी
कुछ हों तुम्हारी कुछ हों मेरी
देखें विधाता ने दिए हैं सुन्दर नज़ारे
गायें दोनों मिल कर प्रेम गीत प्यारे प्यारे
तुम्हारे लिए थाली में सुन्दर पकवान परोसूं
प्यास लगे तो गिलास में साफ पानी दे दूँ
शाम को जब तुम थक जाओ
तुम्हारा सर दबा दूँ
अगर सोने का मन हो तुम्हारा
तुम्हारा बिस्तर लगा दूँ
तुम मेरे दिल में बसी हो
मेरे दिल की हो रानी
नए साल में नए ढंग से शुरू
करें अपनी प्रेम कहानी..
New Year Inspirational Poems
नववर्ष
स्वागत! ज़ीवन के नवल वर्षं
आओं, नूतन-निर्मांण लिए,
इस महा ज़ागरण के युग़ मे
जाग्रत ज़ीवन अभिमान लिए;
दिनो दुखियो का त्राण लिए
मानवता क़ा कल्याण लिए,
स्वागत! नवयुग़ के नवल वर्षं!
तुम आओं स्वर्णं-विहां लिए।
संसार क्षितिज़ पर महाक्रान्ति
की ज्वालाओ के गान लिए,
मेरें भारत के लिए नईं
प्रेरणा नयां उत्थान लिए;
मुर्दां शरीर मे नए प्रान
प्राणो मे नव अरमान् लिए,
स्वागत!स्वागत! मेरें आगत्!
तुम आओं स्वर्णं विहान लिए!
युग़-युग़ तक पीसतें आए
कृषको को ज़ीवन-दान लिए,
कंक़ाल-मात्र रह गए शेष
मज़दूरों का नव त्राण लिए;
श्रमिको का नव संग़ठन लिए,
पददलितो का उत्थानं लिए;
स्वागत!स्वागत! मेरें आगत्!
तुम आओं स्वर्णं विहान लिए!
सत्ताधारीं साम्राज्यवाद कें
मद क़ा चिर-अवसान लिए,
दुर्बंल को अभ्यदान,
भूख़े को रोटी क़ा सामान लिए;
जीवन मे नूतन क्रान्तिं
क्रान्ति मे नए-नए बलिदान लिए,
स्वागत! जीवन क़े नवल वर्षं
आओं, तुम स्वर्णं विहान लिए!
…..सोहनलाल द्विवेदी
तेरे इश्क की गलियों में
मैं हमेशा गुजरता रहूं,
चाहे दिन हो या रात
मैं तेरे ख्यालों में ही बहता रहूं,
कभी दूर ना होना तुम मुझसे
यूं ही तेरे संग जिंदगी के हर पल को बिताता रहूं।
तेरे खयालों में मैं रहता हूं हर दम
तेरे बारे में ही सोचता हूं हर पल,
नए साल का नया अवसर है
दुआ है मेरी भगवान से
हर साल की तरह तुम हो सफल।।
तन्हाइयों से भरी मेरी जिंदगी को
तुमने हसीन बना दिया,
लाख-लाख शुक्रिया है ऊपर वाले का
जो उसने मुझे तुमसे मिला दिया,
तुम सदा मुस्कुराती रहे
बस यही दुआ है मेरी
नव वर्ष के अवसर पर
तुम्हारे लिए मेरी पिया।
क्या तारीफ करूं
मैं तेरी खूबसूरती की
मेरे पास शब्दों की कमी है,
तू आसमान है मेरा
तू मेरी सरजमी है,
तेरे होने से मेरे जीवन में
इश्क की बारिश जैसी फिदाएं हैं,
हर पल तेरे बारे में सोच रहता हूं
ऐसी तेरी हसीन अदाएं हैं।
नव वर्ष आया है द्वार (कविता)
मंगल दीप जलें अम्बर में
मंगलमय सारा संसार
आशाओं के गीत सुनाता
नव वर्ष आया है द्वार
स्वर्ण रश्मियाँ बाँध लड़ी
ऊषा प्राची द्वार खड़ी
केसर घोल रहा है सूरज
अभिनन्दन की नवल घड़ी
चन्दन मिश्रित चले बयार
नव वर्ष आया है द्वार
प्रेम के दीपक नेह की बाती
आँगन दीप जलाएँ साथी
बदली की बूँदों से घुल मिल
नेह सुमन लिख भेजें पाती
खुशियों के बाँटें उपहार
नव वर्ष आया है द्वार
नव निष्ठा नव संकल्पों के
संग रहेंगे नव अनुष्ठान
पर्वत जैसा अडिग भरोसा
धरती जैसा धीर महान
सुख सपने होंगे साकार
नव वर्ष आया है द्वार
नये साल क़ी शुभकामनाये
नये साल क़ी शुभकामनाये!
ख़ेतो की मेड़ो पर धुल भरें पांव को
क़ुहरे मे लिपटें उस छोटें से गांव को
नये साल की शुभकामनाये!
जांते के गीतो को बैलो की चाल क़ो
करघें को कोल्हू को मछुओ के ज़ाल को
नये साल की शुभकामनाये!
इस पक़ती रोटी को ब़च्चो के शोर क़ो
चौके की गुनगुन् को चूल्हें की भोर क़ो
नये साल की शुभकामनाये!
वीरानें ज़ंगल को तारो क़ो रात कों
ठन्डी दो बन्दूकों मे घर क़ी बात कों
नये साल क़ी शुभकामनाये!
इस चलतीं आंधी मे हर बिख़रे ब़ाल को
सिगरेंट की लाशो पर फूलो से ख़्याल को
नये साल की शुभकामनाये
क़ोट के गुलाब और ज़ूड़े के फ़ूल को
हर नन्हीं याद को हर छोटीं भूल को
नये साल की शुभकामनाये!
उनक़ो ज़िनने चुन-चुनक़र ग्रीटिग कार्डं लिख़े
उनक़ो जो अपनें गमलें मे चुपचाप दिख़े
नये साल की शुभकामनाये!
…..सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
New Year Poem in Hindi
ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये व्यवहार नहीं
धरा ठिठुरती है सर्दी से
आकाश में कोहरा गहरा है
बाग़ बाज़ारों की सरहद पर
सर्द हवा का पहरा है
सूना है प्रकृति का आँगन
कुछ रंग नहीं, उमंग नहीं
हर कोई है घर में दुबका हुआ
नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं
चंद मास अभी इंतज़ार करो
निज मन में तनिक विचार करो
नये साल नया कुछ हो तो सही
क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही
उल्लास मंद है जन-मन का
आयी है अभी बहार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
ये धुंध कुहासा छंटने दो
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो
प्रकृति दुल्हन का रूप धार
जब स्नेह–सुधा बरसायेगी
शस्य–श्यामला धरती माता
घर-घर खुशहाली लायेगी
तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि
नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय गान सुनाया जायेगा
युक्ति–प्रमाण से स्वयंसिद्ध
नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध
आर्यों की कीर्ति सदा-सदा
नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
अनमोल विरासत के धनिकों को
चाहिये कोई उधार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं।
….जयप्रकाश मानस
असफलता की चुनौती को स्वीकार करो,
नींद चैन को त्याग कर खुद को
आगे बढ़ने के लिए तैयार करो,
आती है कोई मुश्किल तो
अपनी कड़ी मेहनत से वार करो,
संघर्ष का मैदान मत छोड़ो तुम
नये वर्ष में नई जय-जयकार करो।
कोशिशों की गाड़ी से कभी ना उतरो
सदा बने रहो अपनी मंजिल के मुसाफिर,
आपकी लगन और परिश्रम के आगे
हर मुश्किल हार जाएगी,
मेहनत को बनाओ अपना ब्रह्मास्त्र
हर सफलता आपकी झोली में आ जाएगी।
नए साल 2024 की मुबारक हो
नया साल है नई उमंग
नया साल है नई उमंग,
नई आस है जीवन में।
नई सोच है, नई तरंगे,
नई प्यास है जीवन में।
करना है कुछ नया नया अब,
नई बहार है जीवन में।
सपनों को सच करना है अब,
नई चाह है जीवन में।
करना है कुछ खुद से वादा,
आगे बढ़ना है जीवन में।
बीते पल में जो मिली निराशा,
भूलना है उसे जीवन में।
नया साल है नई उमंग,
नई आस है जीवन में।
Happy New Year Poem in Hindi
नव वर्ष पर बाल
नये वर्ष का करें सभी हम
मिलकर सारे ऐसा स्वागत
भूल सारे वैर भाव हम
मन में हो प्रीती की चाहत
नहीं किसी का बुरा करें हम
सीखें मानवता से रहना
सच्ची -मीठी वाणी बोलें
कटुवचन न कभी कहना
नये -नए संकल्प करें हम
अब है आगे हमको बढ़ना
भूखे -प्यासे दीन -दुखी की
आगे बढ़ कर सेवा करना
सबके लिए हो मंगलमय इस
नए वर्ष का इक -इक पल
भविष्य स्वर्णिम और सुखद हो
सबके लिए हो उज्जवल कल.
हैप्पी न्यू ईयर 2024
आप खुशियां मनाएं, नए साल में।
बस ऐसे मुस्कुराए, नए साल में
गीत गाते रहे, गुनगुनाते रहे
हैं यह शुभकामनाएं, नए साल में
रेत मिट्टी के घर में, बहुत रह लिए।
घर दिलों में बनाए, नए साल में।।
अब ना बातें दिलों के, दिलों में रहे ।
कुछ सुने कुछ सुनाएं नए, साल में।।
जान देते हैं जो देश के वास्ते।
गीत उनके ही गाय नए साल में ।।
भूल हमको गए हैं जो पिछले बरस
हम उन्हें याद आए नए साल में।।
Short New Year Poems
नए वर्ष में नई पहल हो
नए वर्ष में नई पहल हो
कठिन ज़िंदगी और सरल हो।
अनसुलझी जो रही पहेली
अब शायद उसका भी हल हो।
जो चलता है वक्त देखकर
आगे जाकर वही सफल हो।
नए वर्ष का उगता सूरज
सबके लिए सुनहरा पल हो।
समय हमारा साथ सदा दे
कुछ ऐसी आगे हलचल हो।
सुख के चौक पुरें हर द्वारे
सुखमय आँगन का हर पल हो
सभी के लिए ये
नया साल मंगलमय हो।
आने वाला पल
आने वाला पल
गुजर जायेगा एक दिन
गुजरा हुआ पल
याद आएगा एक दिन।
क्यो गिनते रहते है हम
यूं पल छिन छिन
पानी की तरह इनका
रुक सकना नहीं मुमकिन।
ये रिश्ते, ये नाते
ये दोस्त, ये दुश्मन
क्यूँ ईजाद कर रहे है
हम ये उलझन।
क्यूँ जकड़ रखा है
जंजीरों मे खुद को
जिस्म को छोड़ के रूह भी
उड़ जाएगी एक दिन।
क्यूँ घूमते फिरते हो
यूं हैरान, परेशान
लोग मिलेंगे बिछड़ेंगे
बस याद आयेगा एक दिन।
खोल दो सारी जंजीरों को
जो उड़ने नहीं देती
खुली हवा मे तुम भी
सांस ले पाओगे एक दिन।
जिंदगी मे क्या हुआ क्या नहीं
क्या खोया क्या मिल गया
सब कुछ भूल कर खुश रहो
हर एक पल एक दिन।
आने वाला पल
गुजर जायेगा एक दिन
गुजरा हुआ पल
याद आएगा एक दिन।
नया साल है नई उमंग
नया साल है नई उमंग,
नई आस है जीवन में।
नई सोच है, नई तरंगे,
नई प्यास है जीवन में।
करना है कुछ नया नया अब,
नई बहार है जीवन में।
सपनों को सच करना है अब,
नई चाह है जीवन में।
करना है कुछ खुद से वादा,
आगे बढ़ना है जीवन में।
बीते पल में जो मिली निराशा,
भूलना है उसे जीवन में।
नया साल है नई उमंग,
नई आस है जीवन में।
मंगल दीप जलें अम्बर में
मंगल दीप जलें अम्बर में
मंगलमय सारा संसार
आशाओं के गीत सुनाता
नव वर्ष आया है द्वार
स्वर्ण रश्मियाँ बाँध लड़ी
ऊषा प्राची द्वार खड़ी
केसर घोल रहा है सूरज
अभिनन्दन की नवल घड़ी
चन्दन मिश्रित चले बयार
नव वर्ष आया है द्वार
प्रेम के दीपक नेह की बाती
आँगन दीप जलाएँ साथी
बदली की बूँदों से घुल मिल
नेह सुमन लिख भेजें पाती
खुशियों के बाँटें उपहार
नव वर्ष आया है द्वार
नव निष्ठा नव संकल्पों के
संग रहेंगे नव अनुष्ठान
पर्वत जैसा अडिग भरोसा
धरती जैसा धीर महान
सुख सपने होंगे साकार
नव वर्ष आया है द्वार.
नव वर्ष के आगमन पर
नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं
सहज सरल मन से
सब को गले लगाए
उंच नीच भेद भाव के
अंतर को मिटाएं
नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं
शिक्षा का उजियारा हम
घर घर पहुंचाएं
पर्यावरण की चिंता करे
पेड़ फिर लगाए
नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं
स्वच्छता अभियान को
समझें समझाएं
योग प्राणायाम कर स्वस्थ
हम हो जाएं
नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं
देश प्रेम का जज्बा सभी
जन मन में लाएं
माँ भारती के चरणों में
शीश सब झुकाएं
नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं….
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा
है उल्लासित फिर जग सारा
नई डगर है नया सवेरा, खुशियों से भरा नज़ारा
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा….
ओस सुबह की है फिर चमकी, बिखरा करके छ्टा निराली
चेहरे दमके बगियाँ महकी, घर घर होली और दीवाली
फिर खिलकर फूल सतरंगे, हो प्रतिबिंबित तब सरिता में
प्रकृति को क्या खूब सँवारा…..
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा….
हो उत्साहित गोरन्वित हम, लिए सोच में वही नयापन
निकल पड़े कुछ कर पाने को, नई दिशाएँ दर्शाने को
कर पाऊँ हर सपने को सच, जो तुम थामो हाथ हमारा….
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा….
उज्जवल भविष्य की
उज्जवल भविष्य की
स्वर्णिम कामनाएं
सपने साकार करने
नए साल का, नया सवेरा,
जब, अंबर से धरती पर उतरे,
तब शांति, प्रेम की पंखुड़ियां,
धरती के कण-कण पर बिखरे,
चिड़ियों के कलरव गान के संग,
मानवता की शुरू कहानी हो,
फिर न किसी का लहू बहे,
ना किसी आंख में पानी हो,
शबनम की सतरंगी बूंदे,
बरसे घर-घर द्वार,
मिटे गरीबी भुखमरी,
नफरत की दीवार,
ठंडी-ठंडी पवन खोल दे,
समरसता के द्वार,
सत्य, अहिंसा और प्रेम,
सीखे सारा संसार,
नव वर्ष की मंगल कामनायें।
नए वर्ष में नई पहल हो।
नए वर्ष में नई पहल हो।
कठिन ज़िंदगी और सरल हो।।
अनसुलझी जो रही पहेली।
अब शायद उसका भी हल हो।।
जो चलता है वक्त देखकर।
आगे जाकर वही सफल हो।।
नए वर्ष का उगता सूरज।
सबके लिए सुनहरा पल हो।।
समय हमारा साथ सदा दे।
कुछ ऐसी आगे हलचल हो।।
सुख के चौक पुरें हर द्वारे।
सुखमय आँगन का हर पल हो।।
Happy New Year Poem
नए साल की पहली नज़्म
अंदेशों के दरवाज़ों पर
कोई निशान लगाता है
और रातों रात तमाम घरों पर
वही सियाही फिर जाती है
दुःख का शब-खूं रोज़ अधूरा रह जाता है
और शिनाख्त का लम्हा बीतता जाता है
मैं और मेरा शहर-ए-मोहब्बत
तारीकी की चादर ओढ़े
रोशनी की आहट पर कान लगाये कब से बैठे हैं
घोड़ों की टापों को सुनते रहते हैं
हद्द-ए-समाअत से आगे जाने वाली आवाजों के रेशम से
अपनी रिदा-ए-सियाह पे तारे काढ़ते रहते हैं
अन्गुश्ताने इक-इक करके छलनी होने को आए
अब बारी अंगुश्त-ए-शहादत की आने वाली है
सुबह से पहले वो कटने से बच जाए तो।
नववर्ष स्वागत
खुद में भरो नया जोश
बढ़ाओ अपना उत्साह और ताकत,
आ गया है 2024 का नया साल
करो सब मिलकर नए साल का स्वागत।
नए साल का नया वक्त है
खुद को बनाओ नया,
रिश्तों में मिठास लाओ
मत भूलो कृपाभाव और दया।
व्यर्थ में समय नहीं गंवाओगे
ऐसा लो नये साल पर प्रण,
मेहनत से किस्मत बदलो खुद की
बदल जाएगा जीवन रण।
मन में बीज बोओ प्रगति के
संघर्ष से लाओ हरियाली,
स्वागत करते हैं नए वर्ष का
यह साल सबकी जिंदगी बनाए निराली।
मुश्किलों के तूफाने में मत झुकाना
अपने जीवन की नाव,
नए साल में मेहनत के नए पौधे लगा
जीत जाएगा जिंदगी का चुनाव।
बीते साल पर
जनवरी से शुरू किया था सफर
दिसंबर से हो रहा है अंत,
बीत रहा है साल पुराना
दिल में यादें बना गया अनंत।
कई मुश्किल घड़ियां भी आई
पर हमने वक्त रहते संभाल लिया,
ऐ मेरे भगवान
यह जिंदगी देने के लिए शुक्रिया।
सर्दी खूब थी
बरसात भी नहीं थी कम,
गर्मी ने भी अपना कहर बरपाया
पता ही नहीं चला
साल कैसे बीत गया धमाधम,
हर बार खुशियों ने बाजी मार ली
चाहे कितने भी आए थे गम।
आदर्श बातें करते हैं सब
पर ना कोई राम है
न ही है कोई सीता,
इतना ही कहना चाहूंगा आखिर में
मिलाजुला कर यह साल बिता,
बस यही है मेरी पुराने साल की कविता।
गए साल की
गए साल की
ठिठकी ठिठकी ठिठुरन
नए साल के
नए सूर्य ने तोड़ी।
देश-काल पर,
धूप-चढ़ गई,
हवा गरम हो फैली,
पौरुष के पेड़ों के पत्ते
चेतन चमके।
दर्पण-देही
दसों दिशाएँ
रंग-रूप की
दुनिया बिम्बित करतीं,
मानव-मन में
ज्योति-तरंगे उठतीं।
….केदारनाथ अग्रवाल
कड़ी मेहनत और लगन से
पूरा करो अपना हर काम,
सफलता के पथ पर
आपका भी होगा नाम।
नए वर्ष का नव अवसर है
लक्ष्य की तरफ उठाओ अपने कदम,
हार जीत की बाजी में
जीजान से लगाओ से लगाओ अपना दम,
मुश्किलों की जंजीरों को तोड़ कर
हौसलों से आगे बढ़ा हुआ हुआ अपने कदम।
जीवन में कठिन वक्त आएगा
तो मन में पैदा होंगे हजारों सवाल,
पर घबराना नहीं है कभी भी
सदा मन में रखना है सफलता का ख्याल,
एक बात को कभी ना भूलना
आपकी मेहनत ही जीवन में
लाएगी खुशियों का बवाल,
सफलता की ओर कदम बढ़ाते जाओ
मुबारक हो आपको 2023 का नया साल।
नया साल है तो
नया साल है तो
नया बनाए अपना हर सवेरा,
रिश्तो को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएं
इस दुनिया में कुछ नहीं है मेरा,
न ही कुछ है तेरा।
दिलों को एक-दूसरे से जोड़कर
बढ़ाएं अपनेपन का एहसास,
नई साल में नई सोच और
नई उमंग से रखें नया विश्वास,
इंसानियत का पाठ कभी ना भूलें
सदा मर्यादा को रखें अपने पास,
बिना शर्त और समर्पण के
दुनिया के हर बंधन को बनाएं खास।
चाहे कैसी भी आ जाए मजबूरी,
आधुनिकता की आंधी में
अपनों से ना बनाएं दूरी,
प्रेम की परिभाषा को रखें
सदा दिल के पास,
हर रिश्ता मधुर होगा
हर रिश्ता होगा खास,
नए साल के नए अवसर नए अवसर पर
बढ़ाएं अपनों से ही एहसास। Happy New Year 2024
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हमें उम्मीद है कि आपको हमारी ये कविता पसंद आई होगी. New Year Poem in Hindi में हमने अपनी वेबसाइट पर आपके लिए प्यारी कविताएं लिखी हैं, अगर आपको हमारी कविता पसंद आती है तो कृपया कमेंट करें। पूरी कविता पढ़ने के लिए धन्यवाद.