हमने आपके लिए बहुत सारी कविताएं लिखी हैं, जो हमें प्रेरित करेंगी, यह कविता भी अवसरवादी है, आप लोगों के लिए उत्साहवर्धक है, इन सभी कविताओं और Teachers Day Poem in Hindi में आपको अच्छी शिक्षा मिलेगी, हमने ये सभी कविताएं मनोरंजन के लिए लिखी हैं आप।
हमने शिक्षकों के सामने शिक्षकों के लिए एक बहुत ही प्यारी कविता लिखी है, Teachers Day Poem in Hindi जिसमें हम अपने शिक्षकों से मिली शिक्षा के आधार पर कुछ पंक्तियाँ लिखते हैं, जो हमें अच्छे संस्कार और अच्छा व्यवहार सिखाती है और जीवन में आगे बढ़ने की शिक्षा देती है। हम ऐसे सभी शिक्षकों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं और उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देते हैं।
Contents
- 1 Teachers Day Poem in Hindi
- 1.1 Teachers Day Poem
- 1.2 Teachers Day Poem for Teachers
- 1.3 Poems for Teachers from Students
- 1.4 Short Poems for Teachers from Students
- 1.5 Famous Poems about Teachers
- 1.6 Inspirational Poems for Teachers
- 1.7 Q1: शिक्षक दिवस की कहानी क्या है?
- 1.8 Q2: शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
- 1.9 Q3: शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं?
- 1.10 Q4: शिक्षक दिवस को खास कैसे बनाएं?
- 1.11 Q5: शिक्षक दिवस के लिए कोई पारंपरिक रीति-रिवाज?
Teachers Day Poem in Hindi
1. माँ, पिता और शिक्षक
माँ देती नव जीवन हमें,
पिता सुरक्षा करते,
लेकिन सच्ची मानवता,
शिक्षक जीवन में भरते।
सत्य और न्याय के राह पर चलना,
गुरु हमें बताते,
जीवन संघर्षों से लड़ना,
गुरु हमें सिखाते।
ज्ञान दीप की ज्योति जला कर,
मन आलोकित करते,
विद्या का धन देकर शिक्षक,
जीवन सुख से भरते।
गुरु ईश्वर से बढ़ कर हैं,
यह कबीर बतलाते,
क्योंकि गुरु ही भक्तों को,
ईश्वर तक पहुंचाते।
जीवन में कुछ पाना है तो,
गुरु का सम्मान करो,
शीश झूका कर श्रद्धा से तुम,
बच्चों उन्हें प्रणाम करो।
2. जग में गुरु महान है
गुरु शिक्षा की खान है,
जग में गुरु महान है।
सीख देने वाले भू-तल में,
देवतुल्य इंसान है।।
ज्ञान का अलख जगाते,
अच्छे संस्कार दे जाते हैं।
गुरु का ज्ञान पाकर,
हम खुद को धन्य पाते हैं।।
कुम्हार मिट्टी थाप लगाकर,
देता उसे नई पहचान है।
गुरु शून्यरूपी नादान को,
बनाते उच्च कोटि इंसान है।।
गुरु की महिमा तो,
गाता सारा जहान है।
मिलता ऊँचा शिखर,
गुरु से राष्ट्र निर्माण है।।
गुरु ही साक्षात पारब्रह्म,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
इनके पथ प्रदर्शन से,
जीवन में न होता क्लेश।।
महामानव गुरु को,
लगाऊँ तिलक चंदन।
नव सृजनकर्ता गुरु का,
करूँ बारम्बार वंदन।।
करूँ बारम्बार वंदन।।
….महेन्द्र साहू
3. एक महान गुरूजी
विद्या देते दान गुरूजी।
हर लेते अज्ञान गुरूजी।।
अक्षर अक्षर हमें सिखाते,
शब्द शब्द का अर्थ बताते।
कभी प्यार से कभी डाँट से,
हमको देते ज्ञान गुरूजी।।
जोड़ घटाना गुणा बताते,
प्रश्न गणित के हल करवाते।
हर गलती को ठीक कराते,
पकड़ हमारे कान गुरूजी।।
धरती का भूगोल बताते,
इतिहासों की कथा सुनाते।
क्या कब क्यों कैसे होता है,
समझाते विज्ञान गुरूजी।।
खेल खिलाते गीत गवाते,
कभी पढ़ाते कभी लिखाते।
अच्छे और बुरे की हमको,
करवाते पहचान गुरूजी।।
Teachers Day Poem
4. शिक्षक के दायित्व
चलो पहचान बदल ही डालें,
शिक्षक हैं कुछ कर ही डाले।
माता, पिता गुरु और ईश्वर,
इनके महत्व हैं बतलाने।
शिक्षा के कुछ मायने बदलें,
हर बच्चे को जानें समझें।
ज्ञानार्जन कुछ यूं करवायें,
कीड़े किताबी नहीं बनें वो।
दृढ़ता पूर्वक हर बाधा को,
एक, एक करके पार लगायें।
अध्ययन करते हम जीवन भर,
सीखने सिखाने में सक्षम रहते।
नये दौर की नयी नयी बातें,
चिंतन, कल्पना, जिज्ञासा सीखें।
उद्देश्य बना लें सत्य की खोज,
विद्यार्थी को दें ऐसी सोच।
प्रोत्साहन भी करते जाना,
उन्हें लक्ष्य तक है पहुचाना।
चलो पहचान बदल ही डाले,
शिक्षा की अलख को और जलायें।
सेवा भाव से मिलकर हम सब,
शिक्षा के नन्हें कुछ दीप जलायें।
भारत के ये भाग्य विधाता,
इन पर सबको गर्व करा दें।
चलो पहचान बदल ही डाले,
शिक्षक हैं कुछ कर ही डालें।
…..आसिया फारूकी
5. “शिक्षक दिवस पर कविता”
आदर्शों की मिसाल बनकर,
बाल जीवन संवारता शिक्षक।
सदाबहार फूल-सा खिलकर,
महकता और महकाता शिक्षक।
नित नए प्रेरक आयाम लेकर,
हर पल भव्य बनता शिक्षक।
संचित ज्ञान का धन हमें देकर,
खुशियां खूब मनाता शिक्षक।
पाप व लालच से डरने की,
धर्मीय सीख सिखाता शिक्षक।
देश के लिए मर मिटने की,
बलिदानी राह दिखता शिक्षक।
प्रकाशपुंज का आधार बनकर,
कराव्या अपना निभाता शिक्षक।
प्रेम सरिता की बनकर धारा,
नैया पार लगता शिक्षक।
6. एक गुरु के शिष्य
शिष्य एक गुरु के हैं हम सब,
एक पाठ पढ़ने वाले।
एक फ़ौज के वीर सिपाही,
एक साथ बढ़ने वाले।
धनी निर्धनी ऊँच नीच का,
हममे कोई भेद नहीं।
एक साथ हम सदा रहे,
तो हो सकता कुछ खेद नहीं।
हर सहपाठी के दुःख को,
हम अपना ही दुःख जानेंगे।
हर सहपाठी को अपने से,
सदा अधिक प्रिय मानेंगे।
अगर एक पर पड़ी मुसीबत,
दे देंगे सब मिल कर जान।
सदा एक स्वर से सब भाई,
गायेंगे स्वदेश का गान।
….श्रीनाथ सिंह
7. गिरते है हम तो उठाते है शिक्षक
गिरते है हम तो उठाते है शिक्षक,
जीवन की राह दिखाते है शिक्षक।
अंधेरे ग्रहों पर बनकर ‘दिया’
जीवन को ‘जगमग’ बनाते है शिक्षक।
कभी नन्हीं आँखों नमी जो होती,
तो बनकर दोस्त हँसाते हैं शिक्षक।
झटकती हैं दुनिया हाथ कभी जब,
तो झटपट हाथ बढ़ाते हैं शिक्षक।
जीवन डगर है जीवन समर है,
जीवन संघर्ष सिखाते हैं शिक्षक।
देकर अपने ज्ञान की पूँजी,
हमें योग्य मानव बनाते है शिक्षक।
इस देश और दुनिया के लिये,
एक मुकम्मल समाज बनाते है शिक्षक।
नहीं हो कहीं अशान्ति, अशान्ति,
बस यही एक पैगाम फैलाते हैं शिक्षक।
Teachers Day Poem for Teachers
8. विद्या देते दान गुरुजी
विद्या देते दान गुरुजी।
हर लें अज्ञान गुरुजी ॥
अक्षर अक्षर हमें सिखाते हैं।
शब्द का अर्थ अर्थ शब्द।
कभी प्यार से कभी प्यार से,
हमको देते हैं ज्ञान गुरूजी ॥
जुड़ा हुआ परमाणु अणु ।
प्रश्न गणित के हल करवाते ॥
हरसंभव को ठीक बनाना,
पकड़ो हमारे गुरुजी ॥
धरती का भूगोल वैज्ञानिक।
इतिहासों की कहानियाँ सुनाते ॥
क्या कब क्यों होता है,
समझाते विज्ञान गुरूजी ॥
खेल खेलते गीत गावते।
कभी पढ़ते कभी लिखते ॥
अच्छे और बुरे की हमको,
करवाते पहचान गुरुजी ॥
…शिव नारायण सिंह
9. आदर्शों की मिसाल बनकर
आदर्शों की मिसाल बनकर,
बाल जीवन संवारता शिक्षक।
सदाबहार फूल-सा खिलकर,
महकता और महकाता शिक्षक।
नित नए प्रेरक आयाम लेकर,
हर पल भव्य बनाता शिक्षक।
संचित ज्ञान का धन हमें देकर,
खुशियां खूब मनाता शिक्षक।
पाप व लालच से डरने की,
धार्मिक सीख सिखाता शिक्षक।
देश के लिए मर मिटने की,
बलिदानी राह दिखाता शिक्षक।
प्रकाशपुंज का आधार बनकर,
कर्तव्य अपना निभाता शिक्षक।
प्रेम सरिता की बनकर धारा,
नैया पार लगाता शिक्षक।
10. गुरु
पहली गुरू है माँ मेरी,
जिसने मुझे चलना सिखलाया।
पाल-पोश कर बड़ा किया मुझे,
उसने ही बोलना सिखाया।
दूजे गुरू हैं मेरे पिता,
जिन्होंने जिम्मेदारी बताया।
मेरी इच्छाएं पूरी करके,
मुझे खुश करके दिखलाया।
तीसरे गुरू हैं अध्यापक जी,
जो मुझको पाठ पढ़ाते हैं।
क्या सही है क्या गलत?
मुझे इसका बोध कराते हैं।
इन सब गुरुओं ने ही मुझको,
एक अच्छा इंसान बनाया।
आज इन्हीं की बदौलत,
मैं अच्छा बच्चा बन पाया।।
….हर्षित पाण्डेय
The Bear and the Two Friends Story
11. आदर्श शिक्षक
आदर्शों की मिसाल बनाकर
बाल जीवन संवारता शिक्षक,
सदाबहार फूल सा खिलकर
महकता और महकाता शिक्षक,
नित नए प्रत्येक आयाम लेकर।
हर पल भविष्य बनाता शिक्षक
संचित ज्ञान का धन हमें देकर,
खुशियाँ खूब मनाता शिक्षक
पाप व लालच से डरने की।
धार्मिक सीख सिखाता शिक्षक
देश के लिए मर-मिटने की,
बलिदानी राह दिखाता शिक्षक
प्रकाशपुंज का आधार बनकर।
कर्तव्य अपना निभाता शिक्षक
प्रेम सरिता की बनकर धारा,
नाव पार लगाता शिक्षक।।
Poems for Teachers from Students
12. गुरु आपकी ये अमृत वाणी
गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे।
जो अच्छा है जो बुरा है
उसकी हम पहचान करे।
मार्ग मिले चाहे जैसा भी
उसका हम सम्मान करे।
दीप जले या अँगारे हो
पाठ तुम्हारा याद रहे।
अच्छाई और बुराई का
जब भी हम चुनाव करे।
गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे।।
….सुजाता मिश्रा
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13. चुनौतियों से लड़कर जो
चुनौतियों से लड़कर जो
हमें आगे बढ़ना सिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
हर कदम पर जो सफलता
का नया मार्ग दिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
सही और गलत की जो
पहचान कराते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
भाग्य के भरोसे ना बैठे हो
जो हमें मेहनत करना सिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
जान के दीप जला
जो हमें संस्कार सिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं..!
कोरे कागज को अखबार बनाता है
कोरे कागज को अखबार बनाता है
गुरु को जिंदगी का हर हिसाब आता है
14. जादूगर सर
सर को कैसे याद पहाड़े?
सर को कैसे याद गणित?
यह सोचती है दीपाली
यही सोचता है सुमित
सर को याद पूरी भूगोल
कैसे पता कि पृथ्वी गोल?
मोटी किताबें वे पढ़ जाते?
हम तो थोड़े में थक जाते
तभी बोला यह गोपाल
जिसके बड़े-बड़े थे बाल
सर भी कभी तो कच्चे थे
हम जैसे ही बच्चे थे
पढ़-लिखकर सब हुआ कमाल
यूँ ही सीखे सभी सवाल
सचमुच के जादूगर हैं
इसीलिए तो वो सर हैं
….प्रतीक सोलंकी
15. मेरे पहले अध्यापक
स्कूल का पहला दिन था कुछ अलग सी बात थी,
आज मेरे गुरु से मेरी पहली मुलाकात थी,
हजार चेहरे थे वहां सब अनजाने लगते थे,
एक गुरु ही थे जो अपने से लगते थे,
हाथ पकड़कर जिसने लिखना मुझे सिखाया था,
कर सकती हो सब कुछ ऐसी जिंदगी में यह मुझे उन्होंने ही सिखाया था,
अंधियारे जीवन में ज्ञान का ज्योत जलाया था,
शिक्षक ने मेरे मुझे इस काबिल बनाया था,
जब-जब मैं टूटी मुझे बिखरने से बचाया था,
जब-जब मैं हारी मुझे नया रास्ता दिखाया था,
मेरे जीवन में ज्ञान का रंग भर दिया,
सपनों को पूरा करने का साहस मुझमे भर दिया,
वो माँ नहीं थी मेरी पर प्यार उनसे कम नहीं किया मेने,
वो पिता नहीं थे मेरे पर उनकी डांट का असरफिर भी बहुत होता था,
विद्या के इस मंदिर में भगवान का रूप हैं आप,
हम विद्यार्थियों के जीवन का उजाला हैं आप,
ज़िन्दगी जीने का सही तरीका सिखाया है,
धन्य हूँ में जो ऐसे गुरुओ को पाया है||
Short Poems for Teachers from Students
16. बच्चों के भविष्य को
बच्चों के भविष्य को,
शिक्षक सज़ा है.
ज्ञान के प्रकाश को,
शिक्षक जलाता है.
सही-गलत के फर्क को,
शिक्षक बताते हैं।
विद्यार्थियों को सही शिक्षा,
शिक्षक ही दे पाता है।
मूलांक पर शिष्य को,
शिक्षक ही बदलता है।
बच्चों के भविष्य में,
और नवीनता प्रस्तुत है।
विद्यार्थी को कभी शिक्षक,
कोई ढिलाई निर्माण नहीं है।
मिलते हैं जब कार्य में,
अफसोस जताता है.
शिक्षक ही समाज का,
उत्तम जो जाना जाता है।
….शम्भू नाथ
17. गुरु चरण में स्वर्ण बसे है
गुरु चरण में स्वर्ण बसे है
गुरु शरण है धाम हमारे
गुरु आशीष जांकू मिल जाए
जन्म जन्म के भाग सुधारें!
गुरु आदेश मस्तक घर रखो
गुरु सेवा में रैन-दिन जागो
मुख से गुरु शिक्षा गायन हो
गुरु की आज्ञा का पालन हो
मैं करूं चरण धूलि को धारण
चरणों का अमृत पान करूं
शीश झुका कर सहज भाव से
उनके चरणों को प्रणाम करूं
गुरु के कर सर पर जाएं
मैं भवसागर पार जाऊं
वंदन करो गुरु की दिव्यता
मैं कठिन परीक्षा पार पाउं
गुरुवाणी को निज दोहराऊं
गुरु की महिमा नित नित गाऊ
मोहे मिले चाकरी गुरु सेवा की
गुरु को पूज के मैं तर जाऊ..!
18. शिक्षक दिवस
आज शिक्षक दिवस आया,
गुरू हमें सद्ज्ञान देते।
हर अविद्या तिमिर लेते।
है हमें करते सुशिक्षित,
शिष्य प्रिय हमको बनाया।
आज शिक्षक दिवस आया।।
यह हमारी भावना है।
यह हमारी कामना है।
गुरु हमारे मान पाये,
है जिन्होंने जग जगाया।
आज शिक्षक दिवस आया।।
कोटि-कोटि प्रणाम उनको।
शत नमन अभिराम उनको।।
मिल सके उनको प्रतिष्ठा,
भाव यह उर में समाया।
आज शिक्षक दिवस आया।।
पर्व होगा सफल अपना।
पूर्ण होगा सुखद सपना।।
धन्य हैं आदर्श शिक्षक,
पथ जिन्होंने शुचि दिखाया।
आज शिक्षक दिवस आया।।
…..डॉ. विनोद चन्द्र पाण्डेय
19. रोज सुबह इनसे मिलते हैं
रोज सुबह मिलते है इनसे,
क्या हमको करना है ये बतलाते है।
ले के तस्वीरें इन्सानों की,
सही गलत का भेद हमें ये बतलाते है।
कभी ड़ांट तो कभी प्यार से,
कितना कुछ हमको ये समझाते है।
है भविष्य देश का जिन में,
उनका सबका भविष्य ये बनाते है।
है रगं कई इस जीवन में,
रगों की दुनिया से पहचान, ये करवाते है।
खो ना जाये भीड़ में कहीं हम,
हम को हम से ही ये मिलवाते है।
हार हार के फिर लड़ना ही जीत है सच्ची,
ऐसा एहसास ये हमको करवाते है।
कोशिश करते रहना हर पल,
जीवन का अर्थ हमें ये बतलाते है।
देते है नेक मज़िल भी हमें,
राह भी बेहत्तर हमे ये दिखलाते है।
देते है ज्ञान जीवन का,
काम यही सब है इनका,
ये शिक्षक कहलाते है,
ये शिक्षक कहलाते है।
Famous Poems about Teachers
20. हमारे सर
सर को कैसे याद पहाड़े?
सर को कैसे याद गणित?
यह सोचती है दीपाली
यही सोचता है सुमित।।
सर को याद पूरी भूगोल
कैसे पता कि पृथ्वी गोल?
मोटी किताबें वे पढ़ जाते?
हम तो थोड़े में थक जाते।।
तभी बोला यह गोपाल
जिसके बड़े-बड़े थे बाल
सर भी कभी तो कच्चे थे
हम जैसे ही बच्चे थे।।
पढ़-लिखकर सब हुआ कमाल
यूँ ही सीखे सभी सवाल
सचमुच के जादूगर हैं
इसीलिए तो वो सर हैं।।
….प्रतीक सोलंकी
21. प्यारे गुरुजी
प्यारे गुरुजी न्यारे गुरुजी, हम सबका सम्मान गुरुजी
अलग-अलग बातें बताते, प्यार से सिखलाते गुरजी।।
कभी मारते डंडे से तो, कभी मुर्गा बनाते गुरुजी
डांटते फटकारते फिर भी प्यार करते गुरुजी।।
रोते हुए बच्चे को मां छोड़ जाती है स्कूल
उसको भी प्यार से चुप करवाते है गुरुजी।।
5 सितंबर ही नहीं हर दिन सम्मान के अधिकारी है गुरुजी
जितनी शिक्षा देते हमको, उतना प्यार भी करते गुरुजी।।
शैतानी करने पर भी हंसकर समझा देते गुरुजी
जो समझ नहीं आता उसको दस बार बताते गुरुजी।।
शास्त्रों में भी बताया गया है, भगवान का रूप होते गुरुजी
मान और सम्मान से सदभाव की शिक्षा देते गुरुजी।।
22. गुरु पद पा जाते शिक्षक
हमको पाठ पढ़ाते शिक्षक,
रास्ते नए बताते शिक्षक।
जहाँ कहीं मुश्किल आ जाती
हल उनका बतलाते शिक्षक।
सुबह-शाम बस चिंता करते,
कभी नहीं अघाते शिक्षक।
फूल सरीखे ज्ञान बाँट कर,
मान सभी से पाते शिक्षक।
अंधकार को पी जाते ‘औ’
गुरु पद को पा जाते शिक्षक।
….बलदाऊ राम साहू
Inspirational Poems for Teachers
23. शिक्षक की महिमा।
कांटों में उलझा हुआ है,
मेरे दिल का ख्वाब।
बच्चा है हर आंगन का,
खिलता हुआ गुलाब।
कभी न भूलो अपना काम,
जग में तुझे करना है नाम।
जब भी आए संकट तुझको,
लेना तुम प्रभु का नाम।
मैं रोता हुआ गया,
विद्यालय के प्रांगण में।
बहुत बच्चे बिलख रहे थे,
मैंडम, सर दौड़े आए,
लेलिया अपने आलिंगन में।
घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरों पर खड़ा हुआ।
शिक्षक-शिक्षिका के,
ममता की छांव में,
न जाने कब बड़ा हुआ।
कोई अभियन्ता, कोई नेता,
कोई बना अधिकारी।
कोई डाक्टर कोई सैनिक,
तो कोई बना कर्मचारी।
जो लोहे को कनक बनाया,
वो सम्मान कभी न पाया।
जिसकी दानिशमंदी ने,
सबको अब्बल बना दिया।
आज विवश हो कर सर झुकाता है,
जिसकी शिक्षा ने सबको मानव बना दिया।
बार-बार नमन है गुरु चरणों में,
मुझे काबिल बनाने के लिए।
मैं तो राह में पड़ा कंकड़ था,
कोटी-कोटी नमन,
मुझको हीरा बनाने के लिए।
मैं सीधा-साधा “भोला” – भाला,
सबकी नजरों में अच्छा हूँ।
चाहे मैं कुछ भी बन जाऊँ,
मैं आज भी आपका बच्चा हूँ।
गुरु – शिष्य का नाता देखो,
पिता – पुत्र से कहीं महान।
कली को आपने फूल बनाया,
महक उठा सारा हिन्दुस्तान।
गुरु बिन ज्ञान कोई न पाया,
अनुभव की आप हो खान।
शिष्य देखता प्यासी नजरों से,
गुरु होते अमृत की खान।
माँ शारदा, भगवान चित्रगुप्त से,
पहले वंदन, करता हूँ गुरु चरणों में।
कैसे लिखूं महिमा उनकी,
अभिलाषा है मेरी,
हाथ हो गुरु का,
जब शीश हो गुरु चरणों में।
कलम में वो ताकत है,
जो तलवार में नहीं होती।
कई सिकन्दर डूब गये,
वक्त के चक्कर में।
झोपड़ी जैसी रौनक,
दरबार में नहीं होती।
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हमें उम्मीद है कि आपको हमारी ये कविता पसंद आई होगी. Teachers Day Poem in Hindi में हमने अपनी वेबसाइट पर आपके लिए प्यारी कविताएं लिखी हैं, अगर आपको हमारी कविता पसंद आती है तो कृपया कमेंट करें। पूरी कविता पढ़ने के लिए धन्यवाद.
Q1: शिक्षक दिवस की कहानी क्या है?
A1: एक शिक्षक दिवस की कहानी है जो छात्रों के जीवन में शिक्षकों के महत्व को याद करने के रूप में होती है।
Q2: शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
A2: तारीखें विश्वभर में भिन्न होती हैं; भारत में अक्सर 5 सितंबर को मनाया जाता है।
Q3: शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं?
A3: शिक्षकों के समर्पण और योगदान को प्रकट करने और छात्रों के जीवन को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने के लिए।
Q4: शिक्षक दिवस को खास कैसे बनाएं?
A4: शिक्षकों को सराहना करने के लिए दिल से संदेश लिखें, छोटे उपहार दें, या कार्यक्रम आयोजित करें।
Q5: शिक्षक दिवस के लिए कोई पारंपरिक रीति-रिवाज?
A5: फूल, कार्ड, और पुरस्कार प्रदान करना; धन्यवाद पत्र लिखना; और शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए आयोजित कार्यक्रम।